दीपावली भारत का सबसे ज्यादा प्रसिद्ध उत्सव है, यह भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, इस दिन लक्ष्मी मां की पूजा की जाती है, दीपावली से 1 हफ्ते पहले शहर पूरी तरह से सजे हुए दिखाई देते हैं, दीपावली से पहले लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, लोग अपने घरों में बहुत सारी लाइट्स भी लगते हैं,


दीपावली वाला दिन सबसे खास होता है, इस दिन दीपमाला की जाती है, दिए और मूर्तियों को लगाकर घर को और भी खूबसूरत बनाया जाता है, दीपावली वाले दिन शाम को लोग अपने धार्मिक स्थान पर जाते हैं, इस दिन धार्मिक स्थानो पर बहुत भीड़ देखने को मिलती है, इस दिन रात को लोग पटाखे चलाते हैं,


हिंदू दिवाली क्यों मनाते हैं ?
दोस्तों धर्म में दिवाली के त्यौहार का बहुत महत्व है, दीपावली के त्यौहार के पीछे कई सारी पौराणिक कथाएं देखने को मिलती है, एक पौराणिक कथा के अनुसार नरकासुर नामक एक राक्षक था. उसने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर इंद्र समेत सभी देवताओं को परेशान कर रखा था. उसके राज्य की जनता भी उसके अत्याचारों से परेशान थी. उसने 16 हजार स्त्रियों को अपना बंदी बना रखा था. उसके अत्याचारों से परेशान होकर देवता और संत भगवान कृष्ण से उनकी मदद मांगने के लिए पहुंचे. भगवान कृष्ण ने उन्हें नरकासुर से मुक्ति दिलाने का आश्वसान दिया. नरकासुर को किसी स्त्री के हाथों से मरने का श्राप मिला हुआ था और इसलिए भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी को बनाकर उनकी मदद से नरकासुर का वध किया था. तभी से कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है।


बड़ी दिवाली से जुड़ी पौराणिक कथा
दिवाली के बारे में एक और पुरानी कथा है, पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री राम रावण का वध कर लंका पर विजय हासिल करने के बाद अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ 14 वर्ष का वनवास भोगने के बाद कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन अयोध्या लौटे थे. उस दिन अमावस्या तिथि थी और इसलिए लोगों ने पूरे नगर में घी के दीपक जलाकर उसके रौशन किया था. इसलिए हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन सत्य की असत्य पर जीत के बाद भगवान राम अपनी नगरी लौटे थे और इसलिए इस त्योहार हर साल बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन हर तरफ रौशनी और जगमगाहट नजर आती है।


दिवाली से जुड़ी अन्य पौराणिक कथा
दीपावली का त्यौहार हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है, एक अन्य पौराणिक कथा के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक माह की अमावस्या तिथि के दिन मां लक्ष्मी अवतरित हुई थी. मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है. उस दिन से ही हिंदू धर्म में दिवाली मनाई जाती है. कहते हैं कि इस दिन मां लक्ष्मी का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि और धन-दौलत की भरमार होती है.


सिख दिवाली क्यों मनाते हैं ?


इस दिन सिखों के शहर में गुरु हरगोबिंद राय जी ग्वालियर के किले से 52 राजों को रेहा करवरकर लेकर आए थे, उन्नाव के आने की खुशी में सभी लोगों ने जशन मनाए थे, इसलिए सिखों मे दिवाली के त्यौहार का विशेष महत्व है।


दोस्तों आखिर में हम यह कहना चाहेंगे कि दिवाली हिंदू और सिखों दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण उत्सव है, दीपावली का उत्सव हमें आपसे मिलजुल कर रहने की प्रेरणा देता है, इससे हमें यह भी प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने घरों को साफ सुथरा रखना चाहिए लक्ष्मी मां का प्रवेश हमारे घर में हो सके।

