करवा चौथ का Festival क्यों मनाया जाता है, क्या पहला करवा चौथ सीता माता ने रखा था

दोस्तों क्या आप जानते हैं कि करवा चौथ का Festival क्यों मनाया जाता है, चलिए आज हम आपको बताते हैं कि करवा चौथ क्यों मनाया जाता है सबसे पहले हम बात करेंगे की इसका मुख्य उद्देश्य क्या होता है करवा चौथ मनाने का मुख्य उद्देश्य पति के जीवन से संबंधित होता है करवा चौथ एक व्रत होता है जो पत्‍नीअपने पति के लिए रखती है, करवा चौथ वाले दिन पत्‍नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरा दिन भूखी रहती है, जय उत्सव दशहरे से कुछ दिन बाद मनाया जाता है।

Karwa Chauth

करवा चौथ का अर्थ क्या है ?

गरबा का मतलब मिट्टी से बना बर्तन होता है और चौथ का मतलब चतुर्थी की तिथि होता है, यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, मिट्टी के बर्तन में करवा चौथ की पूजा की जाती है।

 

करवा चौथ का इतिहास क्या है ?

पुरातन मान्यताओं के के अनुसार ब्रह्मा जी ने देवियों को अपने पतियों के लिए करवा चौथ का व्रत रखने की सलाह दी थी, युद्ध के समय में देवियों ने अपने पतियों की रक्षा के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था, देवियों ने भूखे प्यासे निर्जल करवा चौथ का व्रत रखा था और रात के समय चांद देख कर पूजा की थी, तभी से करवा चौथ का व्रत रखने की चालू हो गई थी जो आज भी उसी प्रकार चल रही है।

करवा चौथ का सीता माता से क्या संबंध है ?

सीता माता ने रहने दो रात सबसे लंबा व्रत रखा था अशोक भाटिया में रहते हो यह अंचल का त्याग किया उसे समय देवताओं ने प्रकट होकर सीता माता को खीर खिलाई थी, एक मानता हमारे सामने यह भी आती है की सबसे पहले करवा चौथ का व्रत सीता माता नहीं रखा था लेकिन इस बात की हम कोई पुष्टि नहीं कर सकते क्योंकि कामना है कि करवा चौथ की व्रत कथा उससे भी पहले से चालू हो गई थी ?

पंजाब में करवा चौथ कैसे मनाया जाता है ?

पंजाब एक ऐसा राज्य है जहां पर करवा चौथ सबसे ज्यादा मनाया जाता है, पंजाब में एक हफ्ता पहले से शुरू हो जाती है सभी दुकानें सजी होते हैं शहर में की तरह अपने घरों को सजाते हैं।

करवा चौथ कैसे मनाया जाता है ?

करवा चौथ का व्रत शुरू करने से पहले सबसे पहले सरगी की रस्म निभाई जाती है, जिसमें सास अपनी बहू के लिए एक स्पेशल थाली तैयार करते हैं, कई प्रकार के फल रखे होते हैं, सास अपनी बहू को टीका लगाकर करवा चौथ के व्रत की शुरुआत करते हैं, करवा चौथ का व्रत शुरू हो जाता है तो उसके बाद पत्नी सारा दिन भूखी रहती है कहीं गई हमें जीवी देखने को मिलता है कि शाम के 4:00 पत्नी कुश फल खा लेती है, कहीं कहीं तों पत्नी सारा दिन अपने पति के लिए भूखी रहती है जयाप्रदा अलग अलग राज्यों में अलग अलग तरह से मनाई जाती है चांद निकलता है तो चांद की पूजा कर कर करवा चौथ के व्रत को पूरा किया जाता है उसके बाद पत्नी अपने पति की आरती करती है आरती करने के बाद बह अन और पानी का सेवन करती है ।

करवा चौथ की रात को पति पत्‍नी क्या करते हैं ?

करवा चौथ की रात को पत्‍नी सबसे पहले चांद को देखती हैं उसके बाद अपने पति की पूजा करती है, पूजा करने के बाद दोनों पति पत्‍नी साथ में खाना खाते हैं और करवा चौथ के फेस्टिवल को इंजॉय करते हैं। कही कही अर्बन स्टेटस में रात को पति पत्‍नी डिनर करने के लिए बाहर भी जाते हैं ।

करवा चौथ की सच्चाई क्या है, सच में करवा चौथ का व्रत रखने से पति की उम्र लंबी होती है ?

दोस्तों अगर हम पुरातन रीति रिवाजो को ध्यान में रखकर सोचते है तों पुरातन समय में यह बात बिल्कुल सच थी, असल में यह एक  पूजा होती है पुरातन समय में पत्‍नी कई दिनों तक अपने पति के लिए भूखी रहकर देवी देवताओं को खुश करती थे जिससे खुश होकर देवी देवता वरदान देते थे, उस समय सबसे ज्यादा लंबी उम्र का वरदान मांगा जाता था, प्रथा आज भी उसी तरह चली आ रही है, आज पत्‍नीअपने पति की लंबी उम्र की दुआ करती हैं।

Karwa Chauth

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